आगामी तीसरी कडी:
यहूदियों को रोमवासियों ने यरूशलेम से बाहर निकाल दिया, तब उन्होंने अरब की ओर रुख किया। हजरत उमर के शासनकाल में वे यूरोप में जा बसे, यूरोपीयन भी उन्हें अधिक समय तक सहन नही कर सके और ज्यु एक के बाद एक हस्पानिया, पुर्तगाल, ब्रिटेन, बेल्जियम, चेकोस्लोवाकिया, हालैंड, इटली जर्मनी और रुस देशों से बाहर निकाले जाते रहे हैं।Source: (साप्ताहिक क्रांति, 14-20 अप्रैल 2002)
ज्यु ( jewish, यहूदी) लोगों का अपने फायदे के लिए प्रचार, यंत्रणा, पैसे, जवान लड़कियां, आग्नेय अस्त्र की शक्ति तथा उचित समय पर हमला करने के लिए लंबा इंतजार करने का उनका इतिहास करीब 4000 साल पूराना है।
अफ्रीकी अरबी दुनिया को गुलाम बनाने के लिए ज्यु (यहूदी) ही जिम्मेदार हैं। क्योंकि ज्यु लोगों ने ईसाईयों का अपने हस्तकों के रूप में इस्तेमाल किया है। यह ज्यु लोगों का ही षडयंत्र था की, जिन्होंने ईसा मसीह को सूली पर चढाया और उसका कत्ल कर दिया। ज्यु लोगों ने ही ईसाईयों को 30 पंथों में विभाजित कर दिया। संत पाल ज्यु था, जिसने बाइबिल में अपने अनुसार बदलाव लाया। इसलिए ईसाईयों की कोई एक बाइबिल व एक पंथ नही है।
Source: (p.7-8, दलित-व्हाईस 16-30 नवंबर2000)
ब्राह्मण व ज्यु (jewish) एक ही हैं
ऐरीयन आर्यन ब्राहमणों की तरह ही यहूदी हवा आग पानी पत्थर गुफा, भेङ पहाड़ी की आत्माओं पर भरोसा करके उनकी पूजा पूजा करते थे और मानव व अन्य जानवरों की बलि (मेघ) चढाते थे। ऐक्सोडस (xxxii, 25-28) के अनुसार यहूदी सुनहरी गाय (वैंध्रीनस) के बछड़े के आगे नंगे होकर नाचते थे। उनकी बुतपरस्ती (मूर्ति पूजा) के लिए मोजस ने उन्हें कत्ल की सजाएं दी।
दलित-वायस के अनुसार ब्राह्मणों व यहूदियों के सम्बंधों का उल्लेख बाईबल में भी है, जिसमें कहा गया है कि यहूदी होडु से कुश तक फैल गये थे। हिब्रू भाषा के होडु शब्द का अर्थ है।- हिंदुस्तान तथा कुश का तात्पर्य इथियोपिया से है।
Source: ( Dalit voice, 1-15 June, 2002)।
वेणु पासवान के अनुसार ब्रह्मा वास्तव में अब्राहम है। तोरा (Torah)धर्म के ग्रंथ के अनुसार सारा नाम की महिला अब्राहम की बीवी है,
वेद-पुराणों के अनुसार सरस्वती ब्रह्म ब्रह्मा की बेटी-बहन व बीवी भी है,
तोरा धर्म में सारा अब्राहम की बहन भी बताई है,
बाइबिल के जेनेसिस के अनुसार सारा अब्राहम की बीवी के साथ साथ बहन भी बताई गयी है। इसलिए सारा, सरस्वती,अब्राहम व ब्रह्मा एक ही हैं।
संस्कृत कभी भी इंडिया तो क्या किसी गाँव की भाषा नही थी और ना ही कभी हिंदुस्तान के किसी परिवार में बोली जाती है। जबकि आज के इराक़ में ईसा पूर्व 1800 BC में कासाईटों द्वारा संस्कृत बोली जाती थी। जबकि दोनों की लिपियाँ भी बिल्कुल अलग अलग-थलग है।
तोतेनुमा नाक हिट्टी तथा ज्यु लोगों की देन है और वे तूफान के देवता इंद्र की पूजा करने लगे। कासाईट शब्द भारत आकर क्षत्रिय हो गया या कर दिया गया है। ब्राह्मणों की संस्कृत भाषा और कुछ नही है, बल्कि कासाईट भाषा का अशुद्ध रूप है।
इससे स्पष्ट होता है कि ब्राह्मण मूल रूप से अब्राहम के अनुयायी हैं जो बॅबिलोनिया के पूजारी वर्ग बन गये थे। जब इन अशिक्षित कासाईटों ने क्षत्रिय के रूप में भारत पर आक्रमण या घुसपेठ की और ईश्वर के रूप में इंद्र की जगह ब्रह्मा (अब्राहम) को स्थापित किया। जैनी जैमिनि समुदाय के लोग ब्रह्म को महत्व देते हैं, ना की ब्रह्मा को।
(V.T. Rajshekhar, p.86-89, why godse killed Gandhi)
संकलित: त्रि इब्लिसी शोषण व्यूह विध्वंस, p. 223-224
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अपौरुषेय बाणी
बाबा राजहंस
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