संसद में गूंजी एनकाउंटर की आवाज़
योगी राज में सिर्फ पिछले दस महीनों में अब तक यूपी में करीब 12 सौ मुठभेड़ हो चुकी हैं. अब तो संसद में भी यूपी के ये ताबड़तोड़ एनकाउंटर बहस का मुद्दा बन गए हैं. समाजवादी पार्टी के इल्ज़ाम इस मामले में काफी संगीन हैं. पार्टी के नेता इसे न सिर्फ सरकार की निगरानी में सरकारी हत्या करार दे रहे हैं. बल्कि योगी के कार्यकाल में हुए तमाम एनकाउंटर की सीबीआई जांच की भी मांग कर रहे हैं.
पूरे यूपी में जारी ताबड़तोड़ एनकाउंटर के बीच नोएडा के सेक्टर 122 से आई एक तस्वीर पर बवाल मच मचा हुआ है. पहले पुलिस ने इसे एनकाउंटर का नाम देने की कोशिश की थी. लेकिन महज कुछ घंटों के अंदर साबित हो गया कि ये एनकाउंटर फर्जी था. लिहाज़ा मामले के तूल पकड़ते ही पुलिस ने लीपा-पोती करनी शुरू कर दी है. और जिम ट्रेनर जितेंद्र यादव को गोली मारने वाले दरोगा विजय दर्शन को गिरफ्तार करने के साथ ही निलंबित कर दिया गया.
जिम ट्रेनर के एनकाउंटर से शक
अब आपको बताते हैं कि यूपी पुलिस के ये एनकाउंटर शक़ के दायरे में आए कैसे. हालांकि 10 महीने में करीब 12 सौ एनकाउंटर पर सवाल तो पहले भी काफी उठ चुके हैं. मगर नोएडा में जिस तरह जिम ट्रेनर के गले में गोली मारकर उसे एनकाउंटर का नाम दिया गया. उसने शक़ को और गहरा कर दिया.
ऐसे किया फर्जी एनकाउंटर
जानकारी के मुताबिक जिम ट्रेनर जितेंद्र शनिवार रात अपने तीन दोस्तों के साथ बहरामपुर से लौट रहा था. तभी नोएडा के सेक्टर 122 के चौराहे के पास पुलिस ने उसे रोक लिया. गाड़ी रूकते ही दारोगा विजय कुमार दर्शन और जितेंद्र में किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई. जितेंद्र के घरवालों का आरोप है कि दारोगा ने एनकाउंटर की धमकी देते हुए जितेंद्र की गर्दन में गोली मार दी. गोली चलाते ही जिंतेंद्र के तीनों दोस्त गाड़ी से भागने लगे. तो दारोगा ने सुनील नाम के एक युवक की टांग पर गोली चला दी. इसके बाद इस पुरी वारदात को एनकाउंटर का नाम दे दिया.
लेकिन चश्मदीदों ने पुलिस की पोल खोल दी. अब आलम ये है कि जितेंद्र के दोस्तों को गवाही न देने की धमकियां भी मिल रही हैं. चूंकि आरोपी दारोगा और जितेंद्र एक ही जिम में जाते थे. दोनों की पहले से जान-पहचान थी. यानी ये मसला निजी झगड़े का भी हो सकता है.
सिविल ड्रेस में था आरोपी दरोगा
अब तक जो बातें सामने आई हैं, उसके मुताबिक पुलिस वाले सादी वर्दी में थे. उन्होंने वायरलेस पर कंट्रोल रूप को कोई सूचना नहीं दी थी. बल्कि फोन पर स्टाफ और आला अधिकारियों को जानकारी दी गई. हालांकि, गोली मारने में सरकारी पिस्टल का इस्तेमाल हुआ. आरोपी दारोगा के शराब के नशे में होने की बात भी सामने आई है. हालांकि इसकी पुष्टि मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद ही हो पाएगी.
आरोपी दरोगा गिरफ्तार, 4 पुलिसकर्मी सस्पेंड
गोली मारने के बाद पुलिस वाले मौके से भाग गए. जख्मी जितेंद्र को फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां वह जिंदगी और मौत से जूझ रहा है. दारोगा की दबंगई की ख़बर जैसे ही इलाके के लोगों को लगी अस्पताल के बाहर प्रदर्शन शुरू हो गया. हालात बिगड़ते देख आलाअधिकरियों ने इस मामले में चार पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया. मुख्य आरोपी दरोगा विजय कुमार दर्शन की पिस्टल कब्जे में लेकर उसे गिरफ्तार कर लिया गया. कोर्ट में पेशी के बाद उसे जेल भेज दिया गया
योगी राज में सिर्फ पिछले दस महीनों में अब तक यूपी में करीब 12 सौ मुठभेड़ हो चुकी हैं. अब तो संसद में भी यूपी के ये ताबड़तोड़ एनकाउंटर बहस का मुद्दा बन गए हैं. समाजवादी पार्टी के इल्ज़ाम इस मामले में काफी संगीन हैं. पार्टी के नेता इसे न सिर्फ सरकार की निगरानी में सरकारी हत्या करार दे रहे हैं. बल्कि योगी के कार्यकाल में हुए तमाम एनकाउंटर की सीबीआई जांच की भी मांग कर रहे हैं.
पूरे यूपी में जारी ताबड़तोड़ एनकाउंटर के बीच नोएडा के सेक्टर 122 से आई एक तस्वीर पर बवाल मच मचा हुआ है. पहले पुलिस ने इसे एनकाउंटर का नाम देने की कोशिश की थी. लेकिन महज कुछ घंटों के अंदर साबित हो गया कि ये एनकाउंटर फर्जी था. लिहाज़ा मामले के तूल पकड़ते ही पुलिस ने लीपा-पोती करनी शुरू कर दी है. और जिम ट्रेनर जितेंद्र यादव को गोली मारने वाले दरोगा विजय दर्शन को गिरफ्तार करने के साथ ही निलंबित कर दिया गया.
जिम ट्रेनर के एनकाउंटर से शक
अब आपको बताते हैं कि यूपी पुलिस के ये एनकाउंटर शक़ के दायरे में आए कैसे. हालांकि 10 महीने में करीब 12 सौ एनकाउंटर पर सवाल तो पहले भी काफी उठ चुके हैं. मगर नोएडा में जिस तरह जिम ट्रेनर के गले में गोली मारकर उसे एनकाउंटर का नाम दिया गया. उसने शक़ को और गहरा कर दिया.
ऐसे किया फर्जी एनकाउंटर
जानकारी के मुताबिक जिम ट्रेनर जितेंद्र शनिवार रात अपने तीन दोस्तों के साथ बहरामपुर से लौट रहा था. तभी नोएडा के सेक्टर 122 के चौराहे के पास पुलिस ने उसे रोक लिया. गाड़ी रूकते ही दारोगा विजय कुमार दर्शन और जितेंद्र में किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई. जितेंद्र के घरवालों का आरोप है कि दारोगा ने एनकाउंटर की धमकी देते हुए जितेंद्र की गर्दन में गोली मार दी. गोली चलाते ही जिंतेंद्र के तीनों दोस्त गाड़ी से भागने लगे. तो दारोगा ने सुनील नाम के एक युवक की टांग पर गोली चला दी. इसके बाद इस पुरी वारदात को एनकाउंटर का नाम दे दिया.
लेकिन चश्मदीदों ने पुलिस की पोल खोल दी. अब आलम ये है कि जितेंद्र के दोस्तों को गवाही न देने की धमकियां भी मिल रही हैं. चूंकि आरोपी दारोगा और जितेंद्र एक ही जिम में जाते थे. दोनों की पहले से जान-पहचान थी. यानी ये मसला निजी झगड़े का भी हो सकता है.
सिविल ड्रेस में था आरोपी दरोगा
अब तक जो बातें सामने आई हैं, उसके मुताबिक पुलिस वाले सादी वर्दी में थे. उन्होंने वायरलेस पर कंट्रोल रूप को कोई सूचना नहीं दी थी. बल्कि फोन पर स्टाफ और आला अधिकारियों को जानकारी दी गई. हालांकि, गोली मारने में सरकारी पिस्टल का इस्तेमाल हुआ. आरोपी दारोगा के शराब के नशे में होने की बात भी सामने आई है. हालांकि इसकी पुष्टि मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद ही हो पाएगी.
आरोपी दरोगा गिरफ्तार, 4 पुलिसकर्मी सस्पेंड
गोली मारने के बाद पुलिस वाले मौके से भाग गए. जख्मी जितेंद्र को फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां वह जिंदगी और मौत से जूझ रहा है. दारोगा की दबंगई की ख़बर जैसे ही इलाके के लोगों को लगी अस्पताल के बाहर प्रदर्शन शुरू हो गया. हालात बिगड़ते देख आलाअधिकरियों ने इस मामले में चार पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया. मुख्य आरोपी दरोगा विजय कुमार दर्शन की पिस्टल कब्जे में लेकर उसे गिरफ्तार कर लिया गया. कोर्ट में पेशी के बाद उसे जेल भेज दिया गया
No comments:
Post a Comment